साउथ मुंबई फिर बन रहा कमर्शियल हब? क्यों फोकस में है ये एरिया, ये है कारण
प्रॉपर्टी कंसल्टेंट नाइट फ्रैंक इंडिया के मुताबिक अगले 6 से 8 साल में साउथ मुंबई में 40 से 60 लाख वर्ग फीट मिक्स यूज ऑफिस स्पेस जुड़ने का अनुमान है.
एक बार फिर साउथ मुंबई के दिन बदल रहे हैं. प्रॉपर्टी कंसल्टेंट नाइट फ्रैंक इंडिया के मुताबिक अगले 6 से 8 साल में साउथ मुंबई में 40 से 60 लाख वर्ग फीट मिक्स यूज ऑफिस स्पेस जुड़ने का अनुमान है. बीते 6 साल में ऑफिस के किराए में 52 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली है. नरीमन प्वाइंट में 2018 में जहां ऑफिस का किराया ₹375/वर्ग फीट था वो 2024 की पहली छमाही में बढ़कर ₹569/वर्ग फीट हो गया है. करीब डेढ़ दशक पहले साउथ मुंबई और खासकर नरीमन प्वाइंट देश का सबसे अहम कमर्शियल हब माना जाता था. हैरीटेज बिल्डिंग, सुविधाओं की कमी, महंगे रेंट, ट्राफिक समेत तमाम कारणों के चलते साउथ मुंबई में कमर्शियल हलचल कम हुई. विकल्प में BKC, अंधेरी, बांद्रा और लोवर परेल की मॉर्डन इमारतों में ऑफिस स्पेस को बढ़ावा मिला.
क्यों फिर फोकस में साउथ मुंबई
मुंबई में चौतरफा करीब दर्जनभर बड़े इंफ्रा प्रोजेक्ट्स हैं जिनमें कई तैयार हैं, कई अंडरकंस्ट्रक्शन हैं और कई अगले 5 साल में तैयार होंगे. ये सभी प्रोजेक्ट किसी ना किसी रूप से साउथ मुंबई को प्रभावित करेंगे. मसलन अटल सेतु ने नवी मुंबई की दूरी महज 20 मिनट कर दी है. कोस्टल रोड के जरिए बांद्रा से साउथ मुंबई का सफर छोटा और राहत भरा हो गया है। वर्ली-सिवड़ी एलीवेटेड कनेक्टर, ऑरेंज गेट-मरीन ड्राइव टनल, नरीमन प्वाइंट-कफ परेड सी लिंक जैसे प्रोजेक्ट रोड कनेक्टिविटी बेहतर कर रहे हैं. यही नहीं मुंबई मेट्रो लाइन 3 कोलाबा-बांद्रा-सीप्ज को जोड़ेंगे और मेट्रो लाइन 11 से वडाला-ईस्टर्न वाटरफ्रंट तक सफर आसान हो जाएगा. ये वो तमाम प्रोजेक्ट हैं जिनका सीधा फायदा साउथ मुंबई को मिलेगा.
साउथ मुंबई में ऑफिस सप्लाई
बीते 10 साल में ऑफिस सप्लाई के आंकड़ों को देखें तो 2014 और 2017 को छोड़कर हर साल औसत सप्लाई 50 लाख वर्ग फीट के आस-पास रही है। 2022 में हालात सबसे बुरे रहे और इस साल महज 20 लाख वर्ग फीट सप्लाई देखने को मिली. लेकिन 2023 में ये आंकड़ा 31 लाख वर्ग फीट रहा और 2024 में पहली छमाही तक ये आंकड़ा 43 लाख वर्ग फीट तक जा पहुंचा है. जानकार मानते हैं कि जैसे जैसे इंफ्रा प्रोजेक्ट पूरे होंगे साउथ मुंबई में ऑफिस के साथ ही रेजीडेंशियल सप्लाई में भी तेजी आएगी.
बिजनेस हब में ऑफिस स्पेस का किराया
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कमर्शियल रियल एस्टेट स्पेस में किराया बड़ा रोल अदा करता है. बीते कुछ साल में देश के बड़े बिजनेस हब में ऑफिस स्पेस के किराए में बड़ा बदलाव देखने को मिला है. इसमें 2018 से मौजूदा समय के किराए की तुलना करें तो मुंबई के BKC में 2018 से 2024 की पहली छमाही के दौरान 20% रेंटल ग्रोथ देखने को मिली है. नरीमन प्वाइंड में ये आंकड़ा चौंकाने वाला है. नरीमन प्वाइंट में इस दौरान ऑफिस स्पेस का किराया 52 फीसदी बढ़ा है. तो वहीं बेंगलुरु और नेशनल कैपिटर रीजन यानि NCR में तस्वीर उल्टी है. बेंगलुरु में ऑफिस स्पेस रेंट 4 फीसदी और NCR में 7 फीसदी कमजोर हुआ है। और विस्तार से समझें तो नरीमन प्वाइंट में अभी किराया ₹569/SqFt है। BKC में ₹1000, बेंगलुरु में ₹353 और NCR में ₹429/SqFt है.
साउथ मुंबई की चुनौतियां
भले ही साउथ मुंबई में कमर्शियल हलचल को लेकर जानकार बुलिश हों लेकिन एक साथ कई चुनौतियां भी हैं. मसलन हाई क्वालिटी, ग्रेड A ऑफिस और रेजीडेंशियल इमारतों की कमी. इमारतों में आउट डेटेड सुविधाएं। मल्टिपल ओनर के चलते रेंट एग्रीमेंट में आने वाली दिक्कतों समेत तमाम कारण हैं जिनपर काम करने की जरूरत है.नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर शिशिर बैजल ने कहा, "साउथ मुंबई में पुनर्जागरण देखने को मिल रहा है, जो पूरे शहर में रणनीतिक बुनियादी ढांचे के परिवर्तन से प्रेरित है.
प्रीमियम ऑफिस स्पेस में यह नई दिलचस्पी पहले से ही बढ़ती प्रॉपर्टी की कीमतों में दिखाई दे रही है. बेहतर बेसिक इंफ्रा और मजबूत आवासीय बाजार के मेल ने नरीमन पॉइंट की एक प्रमुख कमर्शियल सेंटर के रूप में स्थिति को मजबूत किया है, जिससे निवेशकों और व्यवसायों के लिए समान रूप से आशाजनक अवसर पैदा हुए हैं. जैसे-जैसे बुनियादी ढांचे से प्रेरित आर्थिक विकास जारी है, हम उम्मीद करते हैं कि अधिक कंपनियां इस क्षेत्र की ओर आकर्षित होंगी, जो इसके विकास और लंबे समय के लिए कमर्शियल स्थिरता में योगदान देंगी."
09:49 PM IST